पर्व में धर्म

पर्व में धर्म करने को विशेषता क्यों दी गई है ?
जो पूरे साल धर्म नहीं कर पाते हैं, वे कम से कम पर्व के दिनों में तो कर लें,
ना करने से कुछ करना अच्छा ।
रुचि जाग्रत हो गई तो पूरे साल भी करोगे ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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  1. पर्व—धर्म संचय के कारण अष्टमी,चौदस,दशलक्षण पर्व आदि विशेष तिथियों को कहते हैं। धर्म—सम्यग्दर्शन,सम्यग्ज्ञान और सम्यकचारित्र ही धर्म है। धर्म के कारण परिणामों को निर्मलता,समता और वीतराग आदि फल मिलता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि जो लोग पूरे साल धर्म नहीं कर पाते हैं उनके लिए पर्वों में धर्म करना चाहिए ताकि रुचि जाग्रत हो जाती है जिससे पूरे साल करने में समर्थ हों सकते हैं।

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