पहली आरती….
“पहली आरति श्री जिनराजा…” ,
पर बड़े तो सिद्ध भगवान होते हैं ?
संसार अवस्था में प्रत्यक्ष रूप से सबसे बड़े/ सबको कल्याण का मार्ग बताने वाले/ जिनके चरणों में चक्रवर्ती भी अपना सर झुका कर अपने को धन्य मानते हैं, तो हमारे राजा “अरहंत” भगवान ही हुये न !
सिद्ध तो अपने काम सिद्ध करके अपने में लीन हो गये जैसे राजा राजकुमार को राजा बनाकर सन्यास ले लेते हैं।
चिंतन
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जिनराजा ही सबसे बड़े होते हैं,चाहे अर्हन्त हों। भगवान् के दिए गये उपदेश जिनवाणी में ही मिलते हैं। अतः संसार में सबको कल्याण का मार्ग बताने वाले चाहे अर्हन्त होते हैं, उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलते हैं, इसलिए उन सभी के चरणों में जाना पड़ता है, ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है। अतः जिनराजा को ही सबसे श्रेष्ठ माना गया है।