नारियल में मीठा पानी – पुण्योदय से,
कम पानी/कम मीठा – कम पुण्योदय से,
पानी का न होना – पापोदय से।
दिखते, दोनों कारण नहीं है।
ब्र.आभा दीदी
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पाप का तात्पर्य जो आत्मा को शुभ से बचाए अथवा दूसरों के प़ति अशुभ परिणाम होना है, इसमें हिंसा, झूठ,चोरी,कुशील और परिग़ह,यह पांच पाप है।
पुण्य का तात्पर्य जो आत्मा को पवित्र करता है या जिसके कारण जीव के दया,दान,पूजा आदि रुप शुभ भाव को कहते हैं। अतः उपरोक्त कथन पूर्ण सत्य है। जीवन में पाप से बचना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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पाप का तात्पर्य जो आत्मा को शुभ से बचाए अथवा दूसरों के प़ति अशुभ परिणाम होना है, इसमें हिंसा, झूठ,चोरी,कुशील और परिग़ह,यह पांच पाप है।
पुण्य का तात्पर्य जो आत्मा को पवित्र करता है या जिसके कारण जीव के दया,दान,पूजा आदि रुप शुभ भाव को कहते हैं। अतः उपरोक्त कथन पूर्ण सत्य है। जीवन में पाप से बचना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।