नाली की गंदगी साफ करने, नाली/गंदगी में उतरना होता है ।
पापों की सफाई करने, पापों में (स्वीकार करना होगा कि हम पापी हैं) ।
वह भी शुरु से(जीवन के प्रारंभ से), वर्तमान की सफ़ाई से शुरूवात की तो पहले की गंदगी सड़ती रहेगी/ जीवन में बदबू आती रहेगी ।
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पाप का मतलब जो आत्मा को शुभ से बचाये, अथवा दूसरे के प्रति अशुभ परिणाम होना ही पाप है, इनमें हिंसा, झूठ, चोरी,कुशील और परिग़ह होते हैं। अतः इनको करने वाले पापी होते हैं। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि नाली की गंदगी साफ करने या नाली/ गंदगी में उतरना होता है। अतः पापों की सफाई करने के लिए,यह आवश्यक है कि स्वीकार करें कि हम पापी है। अतः शुरू से ही यानी जीवन के प्रारंभ से ही सफाई करनी होगी वर्ना पहले की गंदगी सड़ती रहेगी, इससे जीवन में बदबू आती रहेगी। अतः जीवन में पापों की शुरुआत जीवन के प्रारंभ से करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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पाप का मतलब जो आत्मा को शुभ से बचाये, अथवा दूसरे के प्रति अशुभ परिणाम होना ही पाप है, इनमें हिंसा, झूठ, चोरी,कुशील और परिग़ह होते हैं। अतः इनको करने वाले पापी होते हैं। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि नाली की गंदगी साफ करने या नाली/ गंदगी में उतरना होता है। अतः पापों की सफाई करने के लिए,यह आवश्यक है कि स्वीकार करें कि हम पापी है। अतः शुरू से ही यानी जीवन के प्रारंभ से ही सफाई करनी होगी वर्ना पहले की गंदगी सड़ती रहेगी, इससे जीवन में बदबू आती रहेगी। अतः जीवन में पापों की शुरुआत जीवन के प्रारंभ से करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।