हमारे पुरुषार्थ में कितने रचनात्मक कितने गैर रचनात्मक !
गैर रचनात्मक करते समय कर्मसिद्धांत का ध्यान रखें कि इनका फल क्या होगा !!
ब्र. डॉ. नीलेश भैया
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ब़ डाॅ नीलेश भैया जी ने पुरुषार्थ को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए रचनात्मक पुरुषार्थ करते रहना परम आवश्यक है। इसके अलावा कर्म सिद्धांत पर भरोसा रखकर पुरुषार्थ करना चाहिए।
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ब़ डाॅ नीलेश भैया जी ने पुरुषार्थ को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए रचनात्मक पुरुषार्थ करते रहना परम आवश्यक है। इसके अलावा कर्म सिद्धांत पर भरोसा रखकर पुरुषार्थ करना चाहिए।