धार्मिक-क्रियायें
शरीर पर मैल लगने पर मक्खियाँ भिनकने लगती हैं, मैल साफ करने पर ही हटती हैं ।
विकार रूपी मैल आत्मा पर लगने पर समाज तथा ख़ुद की नज़र में थू थू होने लगती है ।
धार्मिक-क्रियाओं से ही यह मैल दूर होता है ।
मुनि श्री अविचलसागर जी
शरीर पर मैल लगने पर मक्खियाँ भिनकने लगती हैं, मैल साफ करने पर ही हटती हैं ।
विकार रूपी मैल आत्मा पर लगने पर समाज तथा ख़ुद की नज़र में थू थू होने लगती है ।
धार्मिक-क्रियाओं से ही यह मैल दूर होता है ।
मुनि श्री अविचलसागर जी
One Response
धार्मिक क़ियायें का मतलब कर्म काटना और पुण्य को प्राप्त करना होता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि शरीर पर मैल लगने पर मक्खियां भिनकने लगती है लेकिन मैल साफ करने पर हटती है। लेकिन विकार रुपी मैल आत्मा पर लगने पर समाज/ खुद की नज़र में थू थू होने लगती है, जबकि धार्मिक क्रियाओं से ही यह मैल दूर होता हैं।