सब फाइलें आप ही Dispose करते हो ?
या सब फाइलें ऊपर वालों को ही Divert कर देते हो ?
जब बस की ना रह जाये तब गुरु/भाग्य/भगवान को Divert करें ।
चिंतन
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One Response
जीवन में पुरुषार्थ की सीमा तय नहीं होती है लेकिन जब तक लक्ष्य प़ाप्त नही होता है तब तक करना ही आवश्यक है।
पुरुषार्थ पूरा नहीं होने पर भाग्य, गुरू और भगवान् से प़ेरणा लेते हुए, अपने लक्ष्य को प़ाप्त किया जा सकता है।
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जीवन में पुरुषार्थ की सीमा तय नहीं होती है लेकिन जब तक लक्ष्य प़ाप्त नही होता है तब तक करना ही आवश्यक है।
पुरुषार्थ पूरा नहीं होने पर भाग्य, गुरू और भगवान् से प़ेरणा लेते हुए, अपने लक्ष्य को प़ाप्त किया जा सकता है।