प्रथमानुयोग

प्रथमानुयोग भले ही कहानियों के माध्यम से बहुत राउंड लेकर तत्त्व पर आता है।
परन्तु आचार्य समंतभद्र स्वामी ने इसे – बोधि समाधि का निदान, कषाय शांत रखने में निमित्त तथा मोक्ष-मार्ग पर बढ़ने में साहस देने वाला कहा है।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

Share this on...

4 Responses

  1. प़थमानुयोग का तात्पर्य महापुरुषों एवं त्रेसठ शलका पुरुष से बंधी कथा रुप को कहते हैं, इससे आध्यात्मिक परमार्थ/ धर्म की तरफ जाते हैं। अतः आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि आचार्य समंतभद्र स्वामी ने इसे बोधि समाधि का निदान,कषाय शांत रखने में निमित तथा मोक्ष मार्ग पर बढ़ने में सहायक होते हैं। अतः हर श्रावक को इसका अध्ययन करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।

    1. निदान का एक अर्थ Prescription है,
      प्रथमानुयोग पढ़ने से बोधिसमाधि का prescription लिख जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

August 20, 2022

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031