मांगने पर तो मूल्यहीन वस्तुयें ही मिलतीं हैं जैसे भीख ।
बिनमांगे मूल्यवान जैसे वृक्ष से छाया/ अग्नि से उष्णता/ वर्फ से शीतलता/ फूल से सुगंधि तथा भगवान से कृपा,
बस उनसे निकटता बनानी होगी ।
Share this on...
One Response
प़भु कृपा का मतलब उनकी मेहरबानी होना होता है।
अतः उक्त कथन सत्य है कि भगवान कुछ करते नहीं है न वह देते हैं न ही लेते हैं लेकिन उनकी क्षत्रछाया में रहने पर सब कुछ मिल जाता है। मांगने पर मूल्यहीन वस्तुयें मिलती हैं जैसे भीख। बिनमागे मूल्यवान जैसे वृक्ष से छाया एवं अग्नि से उष्णता,वर्फ से शीतलता और फूल से सुगंधि आदि प्राप्त होती हैं लेकिन यह जब प़ाप्त होती है जब उनके निकट जाते हैं। इसी प्रकार भगवान की भक्ति करने पर सब कुछ मिल सकता है लेकिन उनसे मांगने की जरूरत नहीं रहती है।
One Response
प़भु कृपा का मतलब उनकी मेहरबानी होना होता है।
अतः उक्त कथन सत्य है कि भगवान कुछ करते नहीं है न वह देते हैं न ही लेते हैं लेकिन उनकी क्षत्रछाया में रहने पर सब कुछ मिल जाता है। मांगने पर मूल्यहीन वस्तुयें मिलती हैं जैसे भीख। बिनमागे मूल्यवान जैसे वृक्ष से छाया एवं अग्नि से उष्णता,वर्फ से शीतलता और फूल से सुगंधि आदि प्राप्त होती हैं लेकिन यह जब प़ाप्त होती है जब उनके निकट जाते हैं। इसी प्रकार भगवान की भक्ति करने पर सब कुछ मिल सकता है लेकिन उनसे मांगने की जरूरत नहीं रहती है।