प्रमत्त अवस्था में जम्हायी आने पर मुंह पूरा खुल जाता है, पर पूरा खुलने पर भी कुछ खा नहीं सकते।
सुभद्रा की प्रमत्त अवस्था की वजह से अभिमन्यु मरण को प्राप्त हो गया।
आज की माँ भी अपने बच्चों को चक्रव्युह में फंसा कर मोह की नींद सो जाती हैं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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प़मत्त का मतलब होश हवास नहीं रहना है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि सुभद्रा की प़मत्त अवस्था में अभिमन्यु का मरण हुआ था। अतः जीवन में मोह की नींद से बचना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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प़मत्त का मतलब होश हवास नहीं रहना है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि सुभद्रा की प़मत्त अवस्था में अभिमन्यु का मरण हुआ था। अतः जीवन में मोह की नींद से बचना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।