सच्ची प्रीति – अंगातीत;
सच्चा संगीत – संगातीत (जो आत्मा से मिला दे) ।
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सच्चा संगीत वही होगा जो आत्मा से मिला दे। सच्ची प़ीती वही है जिससे शरीर का हर अंग प़फुल्लित हो सके। यह दोनों तभी सम्भव होंगे जब धम॓ से जुडने का प्रयास करेंगे।
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सच्चा संगीत वही होगा जो आत्मा से मिला दे। सच्ची प़ीती वही है जिससे शरीर का हर अंग प़फुल्लित हो सके। यह दोनों तभी सम्भव होंगे जब धम॓ से जुडने का प्रयास करेंगे।
Can its meaning be explained please?
प्रायः प्रीति शरीर से होती है,
पर सच्चा प्रेम शरीर से परे होता है ।
संगीत भी इंद्रियों के लिए नहीं बल्कि आत्मा के लिए होता है ।
That means, “Sangateet” implies “Indriyon se pare”?
Naturally…
आत्मिक आनंद इंद्रियातीत ही होता है।