लोकांतिक देव बारह भावना भाकर ही बने, आज भी भाते हैं। तीर्थंकर जब बारह भावना भाकर गृहत्याग करते हैं, तब आकर अनुमोदना करते हैं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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4 Responses
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने बारह भावना का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में बारह भावना भाने पर ही मुनि बन कर मोक्ष मार्ग पर श्रद्वान करते हैं।
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने बारह भावना का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में बारह भावना भाने पर ही मुनि बन कर मोक्ष मार्ग पर श्रद्वान करते हैं।
That means लोकांतिक देव, har samay बारह भावना भाते हैं ?
Most of the time.
Okay.