बुद्धि / विवेक
दुनिया का ज्ञान प्राप्त हो गया पर दुनिया से दूर रहने की कला नहीं आयी, तो बुद्धि किस काम की !
बुद्धि कच्चा माल है, विवेक पक्का माल,
बुद्धि की परिपक्व अवस्था ही विवेक है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
दुनिया का ज्ञान प्राप्त हो गया पर दुनिया से दूर रहने की कला नहीं आयी, तो बुद्धि किस काम की !
बुद्धि कच्चा माल है, विवेक पक्का माल,
बुद्धि की परिपक्व अवस्था ही विवेक है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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बुद्धि का मतलब ज्ञान होना या जिसके द्वारा अर्थ जाना जावे। विवेक का मतलब जिस वस्तु का आलम्बन अशुभ परिणाम है,उसका त्याग करना अथवा स्वयं दूर रहना विवेक का प्रायश्चित होता है।
अतः आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि दुनिया का ज्ञान प्राप्त हो गया लेकिन दुनिया से दूर रहने की कला नहीं आयी तो बुद्धि किस काम की है। बुद्धि कच्चा माल है जबकि विवेक पक्का माल है। अतः जीवन में अपने कल्याण के लिए विवेक से काम लेना परम आवश्यक है।