बुराईयों में आकर्षण होता है,
बुरे लोगों के अचेतन मन में भय रहता है, इसलिये वे संगठित रहते हैं ।
अच्छों में प्राय: घमंड़ आ जाता है और जिनमें नहीं आता वे स्वाबलंबी होते हैं तथा मोक्षमार्ग पर अकेला ही चला जाता है ।
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है – – – – – – – –
संगठन वही लोग बनाते हैं जो अपनी बुराईयों को छोडने का प्रयास नही करते हैं। मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए संगठन की जरूरत नहीं है क्योंकि वह स्वावलंबी होते हैं। मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए दिगम्बरत्व होना आवश्यक है। साधुऔं को संगठन की आवश्यकता नहीं है वह आत्म ध्यान में रहते हैं जिससे मोक्ष माग॓ की ओर अग्रसर होते हैं।
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है – – – – – – – –
संगठन वही लोग बनाते हैं जो अपनी बुराईयों को छोडने का प्रयास नही करते हैं। मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए संगठन की जरूरत नहीं है क्योंकि वह स्वावलंबी होते हैं। मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए दिगम्बरत्व होना आवश्यक है। साधुऔं को संगठन की आवश्यकता नहीं है वह आत्म ध्यान में रहते हैं जिससे मोक्ष माग॓ की ओर अग्रसर होते हैं।