बोध

वृद्धावस्था में मकान बेचकर उसी में किरायेदार बन कर रहें, इस commitment के साथ कि जब खाली करने को कहा जायेगा तब खाली कर दूंगा ।
जिस शरीर रूपी मकान को हम अपना मानते आ रहे थे अब उसी में किरायेदार की तरह रहो और मृत्यु का आवाहन आते ही आराम से शरीर छोड़ने को तैयार रहो ।

चिंतन

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One Response

  1. बोध का मतलब ज्ञान यानी आत्म स्वरूप को जानना। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि मनुष्य जीवन में आखरी समय तक बोधित नहीं हो पाता है, इसलिए मृत्यु का न्योता आते ही आराम से शरीर छोड़ने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। अतः जीवन में यर्थात स्वरूप को जानना परम आवश्यक है, इसके लिए अपनी आत्मा को निर्मल और पवित्र बनाने का प्रयास करना आवश्यक होगा ताकि शरीर छोड़ने में किसी प्रकार का कष्ट या दुःख नहीं हो ।

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