शब्द का भी अपना एक स्वाद है, बोलने से पहले स्वयं चख लीजिये,
अगर खुद को अच्छा नहीं लगे तो दूसरों को कैसे अच्छा लगेगा !
(दिव्या)
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है।
जब भोजन करते हैं तब पहिले स्वाद देखते हैं तभी उपयोग करते हैं।इसी प्रकार बोलते हो तब देख कर बोलना चाहिए कि बोले हुए शब्द उचित हैं या नहीं ।अतः वाणी पर संयम रखना चाहिए जिससे आपका कल्याण होगा।
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है।
जब भोजन करते हैं तब पहिले स्वाद देखते हैं तभी उपयोग करते हैं।इसी प्रकार बोलते हो तब देख कर बोलना चाहिए कि बोले हुए शब्द उचित हैं या नहीं ।अतः वाणी पर संयम रखना चाहिए जिससे आपका कल्याण होगा।