भक्ति

प्रभु!
पर्वत के चरणों में रहने वाली जमीन को चाहे तलहटी कहलाने का गौरव मिलता हो,
परन्तु,प्रभु!
आपके चरणों में रहने वाले भक्त को तो आपका ही पद मिल जाता है।

Share this on...

2 Responses

  1. भक्ति तो अह॓न्त भगवान् के गुणो में अनुराग रखना है। जब अपनी आत्मा में भगवान् के चरण बिठा लेंगे तभी आपकी भक्ति कहलायेगी तभी उसका कल्याण होगा।

  2. जो लोग परम प़ेम भगवान् से करते हैं वही भक्ति कहलायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

April 11, 2018

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930