भगवान के दर्शन
भगवान के दर्शन करने नहीं, भगवान में अपने दर्शन करने के लिये जाना चाहिये ।
औषधि इसलिये ली जाती है ताकि आगे औषधि ना खानी पड़े ।
भक्ति, भक्ति छोड़ने के लिये ।
आचार्य श्री विशुद्धसागर जी
भगवान के दर्शन करने नहीं, भगवान में अपने दर्शन करने के लिये जाना चाहिये ।
औषधि इसलिये ली जाती है ताकि आगे औषधि ना खानी पड़े ।
भक्ति, भक्ति छोड़ने के लिये ।
आचार्य श्री विशुद्धसागर जी
3 Responses
Bhakti, Bhakti chhodne K liye?
I think, Bhagwaan kee bhakti HEY buddhi se nahin karnee chahiye.
Bhakti chodane ke bat aaz nahi ,
that is ultimate/last step /just before touching MOKSH
Bilkul sahi,
hame apne galtiyan mandir mei he dikhayee deti hain.