भगवान के मस्तिष्क

भगवान के मस्तिष्क नहीं होता। दिमाग तो शरीराश्रित होता है, सिद्ध के शरीर नहीं (अरिहंत के Inactive)। मस्तिष्क नहीं सो राग द्वेष नहीं।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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4 Responses

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने भगवान् के मस्तिष्क का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।

  2. Is post me भगवान ka aashay ‘अरिहंत’ se hai ya ‘सिद्ध’ se ? Ise clarify karenge, please ?

    1. भगवान = अरिहंत(inactive mind)/ सिद्ध(अशरीरी/ no mind)।

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