भाग्य / पुरुषार्थ

भाग्य से संयोग मिलता है, पुरुषार्थ से सदुपयोग ।

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3 Responses

  1. यह सत्य है, कि भाग्य से पुण्य का संयोग मिले, तो पुरुषार्थ से उसका सदुपयोग करना चाहिए; तभी आपका कल्याण होगा ।

    1. पिछले शुभ कर्म ही तो, आज का भाग्य है,
      उससे ही तो, अच्छे संयोग मिलते हैं ।
      पर उनका सदुपयोग तो, पुरुषार्थ ही कराएगा न !

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