भाग्य / पुरुषार्थ

माचिस मिलना भाग्य,
उससे आग लगाना या दीप जलाना पुरुषार्थ ।

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One Response

  1. भाग्य तो पूर्व कर्मों के आधार पर मिलता है लेकिन जब तक पुरुषार्थ नहीं करेंगे तब तक भाग्य को परिवर्तन नहीं कर सकते हैं।अतः भाग्य भरोसे से नहीं रहना चाहिए बल्कि पुरुषार्थ करना चाहिए ताकि भाग्य में बदलाव आसके ।

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