भात / बात
भात (भोजन) को देखभाल कर कि विषाक्त/ ज्यादा तीखा/ बदबूदार न हो, 32 बार मुँह में चबाया जाता है, तब शरीर को लाभकर होता है, वरना शरीर को स्थायी Damage.
क्या बात को 32 seconds मुंह में नहीं रख सकते !
क्या बात निकलने से पहले Check नहीं कर सकते कि ये सम्बंधों के लिये विषाक्त/ Damaging/ तीखी तो नहीं !
क्या बात में से दुर्गंध तो नहीं आ रही !!
चिंतन
One Response
चिंतन में भात एवं बात का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में भात देखभाल कर (भोजन) करना चाहिए एवं बात भी जीवन में तोल करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।