भाव
जीव में पाँचों भाव पाये जाते हैं ।
पुदगल में कर्म के उदय के कारण औदायिक तथा पारिणामिक ।
शेष चार द्रव्यों में सिर्फ पारिणामिक (जैसे अस्तित्व, वस्तुत्व आदि)
व्यक्तित्व कृतित्व – 983
जीव में पाँचों भाव पाये जाते हैं ।
पुदगल में कर्म के उदय के कारण औदायिक तथा पारिणामिक ।
शेष चार द्रव्यों में सिर्फ पारिणामिक (जैसे अस्तित्व, वस्तुत्व आदि)
व्यक्तित्व कृतित्व – 983
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