ढ़ोल बजते ही नाचना न शुरू कर दें, यह तो देख लें कि ढ़ोल जन्म की खुशी के हैं या मातम के !
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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यह कथन सत्य है कि आजकल लोग भेडचाल चलने लगते हैं जब कि उसका कोई आधार नहीं होता ।अतः उचित होगा कि उनको यह समझना चाहिए कि यह रास्ता सही है या गलत तभी अनुशरण करना चाहिए अन्यथा जीवन सफल नहीं होगा।अतः उचित होगा कि धर्म से जुडने पर ही सही गलत का निर्णय हो सकता है।
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यह कथन सत्य है कि आजकल लोग भेडचाल चलने लगते हैं जब कि उसका कोई आधार नहीं होता ।अतः उचित होगा कि उनको यह समझना चाहिए कि यह रास्ता सही है या गलत तभी अनुशरण करना चाहिए अन्यथा जीवन सफल नहीं होगा।अतः उचित होगा कि धर्म से जुडने पर ही सही गलत का निर्णय हो सकता है।