धर्म की शुरुआत चौके से होती है; इसीलिये पहले घर छोटे, चौके बड़े होते थे ।
प्राय: बीमारियों की जड़ अशुद्ध भोजन ही है ।
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यह कथन बिलकुल सत्य है कि भोजन में पवित्रता होनी चाहिए तभी धर्म की शुरुआत होगी।पहिले जमाने में किचन बडी होती थी जिसमें पवित्रता रहती थी।लेकिन आजकल छोटी किचन के साथ latrin and bathroom बनाने लगे हैं जिससे किचन में पवित्रता की उम्मीद नहीं रहेगी।अतः उचित होगा कि रसोई घर साफ एवं स्वच्छ हो तभी धर्म की ओर अग़सर हो सकते हैं।धर्म में भोजन की पवित्रता का बहुत बडा महत्व बताया गया है।
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यह कथन बिलकुल सत्य है कि भोजन में पवित्रता होनी चाहिए तभी धर्म की शुरुआत होगी।पहिले जमाने में किचन बडी होती थी जिसमें पवित्रता रहती थी।लेकिन आजकल छोटी किचन के साथ latrin and bathroom बनाने लगे हैं जिससे किचन में पवित्रता की उम्मीद नहीं रहेगी।अतः उचित होगा कि रसोई घर साफ एवं स्वच्छ हो तभी धर्म की ओर अग़सर हो सकते हैं।धर्म में भोजन की पवित्रता का बहुत बडा महत्व बताया गया है।