मन्दिरों में प्राय: एक चित्र होता है जिसमें एक आदमी पेड़ से लटका हुआ मधु की बूंदों को ग्रहण कर रहा है, मधुमक्खी (प्रियजन) काट रहे हैं आदि।
प्रश्न – संसार दशा बताने मधु को ही क्यों लिया गया?
प्रलोभन/इन्द्रिय लोलुपता में अभक्ष्य भी खाये चला जाता है।
चिंतन
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चिंतन में मधु का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में मधु का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हिंसा में आता है। जैन धर्म अहिंसा का पाठ पढाता है।
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चिंतन में मधु का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में मधु का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हिंसा में आता है। जैन धर्म अहिंसा का पाठ पढाता है।