मर्यादा / सीमा

मर्यादाओं का वहन बाह्य है, ज़रूरी है,
पर अपने को सीमित ना करें, यह आन्तरिक प्रक्रिया है, नुकसानदेह है क्योंकि आपकी क्षमताऐं तो असीमित हैं ।

Share this on...

6 Responses

  1. यह कथन बिलकुल सही है; मर्यादाओं को सीमित न रखें, क्योंकि सब में असीमित क्षमताऐं हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

March 14, 2017

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031