राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के पायलेट को एक बड़ी नौकरी का प्रस्ताव आया, पर राष्ट्रपति से कहने की उनकी हिम्मत नहीं हो रही थी।
कलाम साहब को पता लगा तो उन्होंने कहा – “Even I want to leave Rastrapati Bhawan”. वह व्यक्ति सहज हो गया/अपराध-बोध भी समाप्त हो गया।
(सुमनलता – दिल्ली)
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महानता… जो पीड़ित किए जाने पर भी कठोर वचन या अपशब्द नहीं बोलते हैं, यही पहिचान होती है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की यही महानता है कि वह पायलट से किसी प्रकार के कठोर शब्दों का उपयोग नहीं किया था। जीवन में हर मनुष्य में महानता होनी चाहिए ताकि जीवन का कल्याण करने में समर्थ हो सकते हैं।
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महानता… जो पीड़ित किए जाने पर भी कठोर वचन या अपशब्द नहीं बोलते हैं, यही पहिचान होती है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की यही महानता है कि वह पायलट से किसी प्रकार के कठोर शब्दों का उपयोग नहीं किया था। जीवन में हर मनुष्य में महानता होनी चाहिए ताकि जीवन का कल्याण करने में समर्थ हो सकते हैं।