माँ सोचती है… बेटा आज भूखा ना रहे,
पिता सोचता है कि बेटा कल भूखा ना रहे ।
बस यही दो सम्बन्ध ऐसे हैं संसार में, जिनका दर्जा भगवान् के बाद में आता है..!
🙏जय जिनेंद्र🙏
(सुरेश)
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उपरोक्त कथन सत्य है कि माता-पिता का दर्जा यानी स्थान भगवान् के बाद ही आता है। जीवन में भगवान् और साधुओं हम सभी को मार्ग दर्शन देते हैं, इसके बाद माता-पिता को गुरु मानते हैं क्योंकि वही अपने बच्चों का लालन-पालन करते हैं और ज़िन्दगी में आगे बढ़ाने और संस्कार देते हैं जिनकी जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है और बच्चों का कल्याण होता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि माता-पिता का दर्जा यानी स्थान भगवान् के बाद ही आता है। जीवन में भगवान् और साधुओं हम सभी को मार्ग दर्शन देते हैं, इसके बाद माता-पिता को गुरु मानते हैं क्योंकि वही अपने बच्चों का लालन-पालन करते हैं और ज़िन्दगी में आगे बढ़ाने और संस्कार देते हैं जिनकी जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है और बच्चों का कल्याण होता है।