मान
मान इतना बुरा नहीं है, जितना दूसरों का अपमान करना ।
दूसरों का सम्मान न करें चलेगा, अपने सम्मान की आकांक्षा ना रखें ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
मान इतना बुरा नहीं है, जितना दूसरों का अपमान करना ।
दूसरों का सम्मान न करें चलेगा, अपने सम्मान की आकांक्षा ना रखें ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
4 Responses
मान का मतलब दूसरों के प्रति नमने की वृत्ति न होना मान है, अथवा दूसरों के प्रति तिरस्कार रुप भाव होना भी मान होता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि मान इतना बुरा नहीं है, जितना दूसरों का अपमान करना। अतः दूसरों का सम्मान न करें चलेगा लेकिन अपने सम्मान की आकांक्षा नहीं रखना चाहिए।
1st aur 2nd line kya contradictory nahi hai?
दोष —
अधमा-अधम – दूसरों का अपमान करना
अधम —— अपने सम्मान की चाह
मध्यम —— दूसरों को सम्मान न देना
Okay.