मित्र ढाल होता है – – –
सुख में पीछे,
दु:ख (युद्ध) में आगे।
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मित्र का तात्पर्य जो हर परिस्थितियों में एक दुसरे की मदद करता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि मित्र ढाल होता है कि सुख में पीछे और दुःख में आगे, यानी युद्ध में भी आगे रहता है। अतः ऐसे मित्र बनाना चाहिए ताकि जीवन में एक दुसरे की सहायता करने में समर्थ हो।
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मित्र का तात्पर्य जो हर परिस्थितियों में एक दुसरे की मदद करता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि मित्र ढाल होता है कि सुख में पीछे और दुःख में आगे, यानी युद्ध में भी आगे रहता है। अतः ऐसे मित्र बनाना चाहिए ताकि जीवन में एक दुसरे की सहायता करने में समर्थ हो।