मोक्षमार्ग में संसार खाद है, गंदी होते हुये भी मोक्षरूपी फसल के लिये आवश्यक है ।
तभी तो आदिनाथ भगवान ने तीर्थंकर होकर भी कृषि करने, तलवार चलाने आदि की शिक्षा दी ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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मोक्ष मार्ग में सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र, यह तीनो की एकता ही मोक्ष मार्ग का साधन है।अतः मोक्ष मार्ग मे यह तीनो खाद के रुप में सहायक होते हैं ।संसार में यह खाद है जो मोक्षरुपी फसल के लिए आवश्यक है।भगवान् श्री आदिनाथ ने तीर्थंकर होते हुए भी कृषि करने, तलवार चलाने आदि की शिक्षा दी थी।
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मोक्ष मार्ग में सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र, यह तीनो की एकता ही मोक्ष मार्ग का साधन है।अतः मोक्ष मार्ग मे यह तीनो खाद के रुप में सहायक होते हैं ।संसार में यह खाद है जो मोक्षरुपी फसल के लिए आवश्यक है।भगवान् श्री आदिनाथ ने तीर्थंकर होते हुए भी कृषि करने, तलवार चलाने आदि की शिक्षा दी थी।