सम्यग्दर्शन, सम्यक्ज्ञान, सम्यक्चारित्र मोक्ष-मार्ग हैं, मोक्ष नहीं/ मोक्ष की राह दिखाने के लिये Torch हैं ।
खोई हुयी वस्तुऐं ढ़ूढ़ने के लिये हैं, बिना Torch के वस्तुऐं मिलेंगी भी नहीं ।
इस Torch को मोक्ष दिखने(श्रेणी चढ़ते समय) पर बंद भी करना होगा ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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मोक्ष समस्त कर्मों से रहित आत्मा की परम विशुद्व अवस्था होती है। उपरोक्त कथन सत्य है कि सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यक्चारित्र मोक्ष मार्ग है, लेकिन मोक्ष नहीं है।
अतः जो उदाहरण दिया गया है कि बिना टौर्च के खोई वस्तुएं प्राप्त नहीं कर सकते हैं, इसी प्रकार मोक्ष के लिए मोक्ष मार्ग पर चलना आवश्यक है ताकि मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
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मोक्ष समस्त कर्मों से रहित आत्मा की परम विशुद्व अवस्था होती है। उपरोक्त कथन सत्य है कि सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यक्चारित्र मोक्ष मार्ग है, लेकिन मोक्ष नहीं है।
अतः जो उदाहरण दिया गया है कि बिना टौर्च के खोई वस्तुएं प्राप्त नहीं कर सकते हैं, इसी प्रकार मोक्ष के लिए मोक्ष मार्ग पर चलना आवश्यक है ताकि मोक्ष प्राप्त हो सकता है।