योगियों ने मोक्ष का स्वरूप कैसे जाना?
संसार की परम्परा के विपरीत: मोक्ष। संसार है, तो उसका विपरीत भी होगा; जैसे दिन है, तो रात भी;
संसार में संसरण/भ्रमण है; तो मोक्ष वह, जिसमें संसरण न हो।
मोक्ष शब्द है; तो इसका अस्तित्त्व भी होगा ही।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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4 Responses
मोक्ष समस्त कर्मों से रहित आत्मा का परम विशुद्ध अवस्था का नाम है।संसरण संसार में आवागमन को कहते हैं। अतः योगियों ने मोक्ष का स्वरूप जान लिया है कि मोक्ष में संसरण नहीं होना चाहिए ताकि मोक्ष शब्द का अस्तित्व भी रहेगा। अतः हर जीव को मोक्ष को समझना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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मोक्ष समस्त कर्मों से रहित आत्मा का परम विशुद्ध अवस्था का नाम है।संसरण संसार में आवागमन को कहते हैं। अतः योगियों ने मोक्ष का स्वरूप जान लिया है कि मोक्ष में संसरण नहीं होना चाहिए ताकि मोक्ष शब्द का अस्तित्व भी रहेगा। अतः हर जीव को मोक्ष को समझना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
“संसरण” ka kya meaning hai,please ?
संसरण = सिलसिला/ परिवर्तन (1 शरीर से दूसरे शरीर में)
Okay.