मोह
बाज़ का बच्चा बड़े होने पर भी उड़ान नहीं भरता, बार बार घोंसले में आकर बैठ जाता था ।
जब उसका घोंसला तोड़ दिया गया, तब वह ऊँची-ऊँची उड़ानें भरने लगा ।
बाज़ का बच्चा बड़े होने पर भी उड़ान नहीं भरता, बार बार घोंसले में आकर बैठ जाता था ।
जब उसका घोंसला तोड़ दिया गया, तब वह ऊँची-ऊँची उड़ानें भरने लगा ।
One Response
Moha ka tyaag karenge, tabhi aapaka kalyaan hoga; tabhi moksha ki taraf badh sakate hain.