मोह
एक शराबी नदी के किनारे बैठा था । वहीं एक राजा की सेना ने पड़ाव ड़ाला – हाथी, घोड़े आदि ।
शराबी बहुत खुश हुआ ।
सुबह सेना जाने लगी तो शराबी रोने लगा – मेरा ठाट बाट खत्म हो गया ।
हम सब भी परिवार आदि को पास देख खुश और जाने पर दुखी होते हैं ।
जबकि सब अपने कारणों से आते हैं और काम पूरा होने पर चले जाते हैं ।