यत्नाचार

पुण्यहीन और पुण्यवान का यत्नाचार अलग-अलग होता है…
जैसे कुछ आकर्षक देखना चाहते हो…
तो पुण्यवान तय करे— किसकी आँख देखना चाहती है!
उसको देखने से उसे फायदा होगा या नुकसान!
प्रतिष्ठा/प्रभावना कम होगी या बढ़ेगी!

मुनि श्री सुधासागर जी

(पुण्यहीन तो कुछ भी सोचता/ विचारता नहीं, सारा यत्न देखने में ही लगाता है)

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One Response

  1. यत्नाचार का मतलब परिणाम होना होता है।
    अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि पुण्य हीन और पुण्यवान का परिणाम अलग-अलग होता है। अतः उनको उक्त यत्नाचार जो मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने बताया है,उसी अनुसार पालन करना अनिवार्य होता है, ताकि उनको उसका परिणाम मिलता है।

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