लब्धि

1. पाँच लब्धियाँ.. सम्यग्दर्शन होने से पहले (5 Achievements)
2. क्षायिक लब्धि.. कर्म क्षय होने पर आत्मा को गुण प्राप्ति।
3. क्षयोपशम लब्धि.. कर्म के क्षयोपशम पर आत्मा को कुछ गुण प्राप्ति।
4, 5. संयम, संयमासंयम लब्धि/ लब्धि-स्थान भी होते हैं।

मुनि श्री प्रणम्य सागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र- 2/11)

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4 Responses

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने लब्धि की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है।

    1. संयमीयों/ संयमासंयमीयों के संयमों के स्तर अलग-अलग होते हैं।
      इन स्तरों को ही लब्धि-स्थान कहते होंगे।

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