लोभ : वर्तमान का नष्ट न हो जाए, तृष्णा : भविष्य में और और आए ।
यह कथन बिलकुल सत्य है; लोभ से वर्तमान नष्ट होगा एवम् तृष्णा से भविष्य खराब होगा ही ।
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यह कथन बिलकुल सत्य है; लोभ से वर्तमान नष्ट होगा एवम् तृष्णा से भविष्य खराब होगा ही ।