वचन
दावतों में Costly Items परोसने के लिये कहा जाता है → ढीले हाथ से मत परोसना।
शब्द भी बहुत कीमती हैं, उन्हें ढीले हाथ(लापरवाही/ खुले हाथ) से नहीं देना(बोलना) चाहिये।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
दावतों में Costly Items परोसने के लिये कहा जाता है → ढीले हाथ से मत परोसना।
शब्द भी बहुत कीमती हैं, उन्हें ढीले हाथ(लापरवाही/ खुले हाथ) से नहीं देना(बोलना) चाहिये।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने वचन की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए वचन में मधुरता एवं शब्दों का चयन भी अच्छा होना परम आवश्यक है।