वचन

वचन 2 प्रकार –
1. शिष्ट प्रयोग
2. दुष्ट प्रयोग
कुल 12 प्रकार के, इनमें 11 दुष्ट प्रयोग, जैसे अव्याख्यान (टोकना), कलह।
शिष्ट प्रयोग – सम्यग्दर्शन वाक्।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीव काण्ड: गाथा – 366)

तो समझदारी मौन रहने में ही होगी ना।

चिंतन

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6 Responses

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने वचन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए शिष्ट प़योग होना परम आवश्यक है।

    1. हाँ,
      बाकी 11 दुष्ट, इसलिए तो मौन रहने को कहा।

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