आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने वचन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है । अतः जीवन के कल्याण के लिए वचनों में जहरीलापन नहीं होना चाहिए। Reply
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने वचन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है । अतः जीवन के कल्याण के लिए वचनों में जहरीलापन नहीं होना चाहिए।