वस्त्र से निरावरण हुए बिना, ज्ञान भी निरावृत नहीं हो सकता है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि वस्त्र यानी संसारिक में राग रखने वाले लोग कभी भी आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में समर्थ नहीं हो सकते हैं। आजकल लोगों को व्यवहारिक ज्ञान मिल जाता है, लेकिन संस्कार व धर्म का ज्ञान मुश्किल होता है। अतः जीवन में धर्म से जुड़कर ही ज्ञान प्राप्त हो सकता है। वस्त्र वाले लोग कभी भी मोक्ष मार्ग पर चलने में समर्थ नहीं हो सकते हैं।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि वस्त्र यानी संसारिक में राग रखने वाले लोग कभी भी आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में समर्थ नहीं हो सकते हैं। आजकल लोगों को व्यवहारिक ज्ञान मिल जाता है, लेकिन संस्कार व धर्म का ज्ञान मुश्किल होता है। अतः जीवन में धर्म से जुड़कर ही ज्ञान प्राप्त हो सकता है। वस्त्र वाले लोग कभी भी मोक्ष मार्ग पर चलने में समर्थ नहीं हो सकते हैं।