विनयवान
“विद्या ददाति विनयम्”
यानि विद्या विनय लाती है।
यदि मैं विनयवान नहीं हूँ तो इसका अर्थ हुआ कि मैं विद्यावान भी नहीं हूँ।
(ब्र.नीलेश भैया)
पूरा पद है –
विद्या ददाति विनयं, विनयाद्याति पात्रताम्।
विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता प्राप्त होती है।
विनय से अर्जन की अर्हता आती है, चाहे ज्ञान हो, या धन, या धर्म।
(कमल कांत)
7 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि विनय यानी विद्या विनय लाती है, अतः यदि में विनयवान नहीं हूँ तो उसका अर्थ हुआ कि मैं विद्यावान भी नहीं हूँ! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो विनयवान होना परम आवश्यक है!
‘अर्हता’ ka kya meaning hai, please ?
Eligibility = अर्हता
Okay.
Ek taraf to kaha ki ‘विद्या विनय देती है’ aur phir kaha ki, ‘विनय से पात्रता प्राप्त होती है’ ।
Kya yeh dono statements contradictory nahi hain ?
Start थोड़े ज्ञान से, ज्ञान आने पर विनय आनी ही चाहिए, विनय आने पर पात्रता बढ़ेगी। Vicious circle बन जाता है।
जैसे ज्ञान के बाद स.दर्शन, फिर स.ज्ञान।
It is now clear to me.