विशेष

केवलज्ञान होने पर भी सामान्य रहता है।
ऐसे ही ऋद्धिधारी सहज होते हैं।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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4 Responses

  1. आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने विशेष की परिभाषा की गई है वह पूर्ण सत्य है! अतः विशेष साधारण नहीं होता है बल्कि वह हर स्तर पर नहीं मिल सकता है! श्रावकों के लिए विशेष अपने को पहिचान करना होता है!

  2. ‘केवलज्ञान होने पर भी सामान्य रहता है।’ Is sentence ka kya meaning hai, please ?

    1. सहजता से प्राप्त होता है तथा प्राप्त होने के बाद भी सहज रहते हैं।

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