विश्वास
विश्वास तब जब बुद्धि के परे हो, फिर चाहे संसार हो या परमार्थ।
विश्वास किया जाता है, दिया नहीं जाता।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
विश्वास तब जब बुद्धि के परे हो, फिर चाहे संसार हो या परमार्थ।
विश्वास किया जाता है, दिया नहीं जाता।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
4 Responses
आचार्य श्री विद्या सागर महाराज जी ने विश्वास की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए जैन धर्म पर विश्वास करना परम आवश्यक है।
‘विश्वास किया जाता है, दिया नहीं जाता’ ka symbolic meaning kya hai, please ?
विश्वास के बारे में दो Facts कहे हैं।
Okay.