वीतरागियों/पुण्यात्माओं से मांगना

वीतरागी बनने के लिये उनसे मंगलादि मांगने में दोष नहीं।
पर उस लायक बनने के लिये बहुत पुण्य चाहिये।
महापुरुषों से प्रेरणा लें/ उनको अपनी अगली सीढ़ी समझें।

चिंतन

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One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है वीतरागी बनने के लिए उनसे मंगलादि मांगने में दोष नहीं, लेकिन उस लायक बनने के लिए बहुत पुण्य की आवश्यकता रहती है, अतः महापुरुषों से प्रेरणा लेना चाहिए ताकि अगली पीढी को समझ में आ सकती है। अतः मनुष्य जीवन में पुण्य को अर्जित करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।

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