वेद बंध
वेद बंध….
स्त्री वेद → स्त्रियों से बहुत आकर्षित पुरुष को।
स्त्रियाँ अपनी पर्याय को बहुत महत्व देती हों, शृंगार में बहुत रुचि।
पुरुष वेद → Simple(सादामिज़ाज) पुरुषपने को ज्यादा नहीं दिखाना।
नपुंसक वेद → बलात्कारी, बहुत काम वासना वाले, Same लिंग(समलिंगी) पर आकर्षित होने वाले।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 6/17)
One Response
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने वेद बंध को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।