वैयावृत्त्य

मन मिलाने/वात्सल्य पाने का एक ही उपाय है -वैयावृत्त्य ।
कितना भी कोई सुना दे, लेकिन वैयावृत्ति ना छोड़ें, इसको कहते हैं – कर्त्तव्यनिष्ठता ।
जो वैयावृत्ति नहीं करता, उसके व्रत ठूंठ वृक्ष से पक्षी की भांति उड़ जाते हैं ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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