शक्ति
राक्षस प्रवृति/शक्ति रात्रि में बढ़ जाती है ( जैसे उल्लू आदि हिंसक पशुओं की) ।
सज्जन लोगों की दिन में बढ़ती है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
राक्षस प्रवृति/शक्ति रात्रि में बढ़ जाती है ( जैसे उल्लू आदि हिंसक पशुओं की) ।
सज्जन लोगों की दिन में बढ़ती है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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2 Responses
Isliye aprad rat mein jyada hote hain.
Sahi kaha.